यह अध्ययन किशोरों में व्यावसायिक परिपक्वता (Vocational Maturity) केविकास में सकारात्मक मनोविज्ञान(Positive Psychology) और अनुभवात्मक शिक्षा (Experiential Learning) की संयुक्त भूमिका का विश्लेषण करता है। आधुनिक प्रतिस्पर्धी वैश्विक अर्थव्यवस्था में, किशोरों के लिए करियर जागरूकता, आत्मनिर्भरता और व्यावसायिक निर्णय लेने की क्षमता आवश्यक हो गई है।ऐसे में और भी महत्वपूर्ण होजाता है जबकिशोर करियर से जुड़ी अनिश्चितताओं, आत्म-प्रभावकारिता की कमी और वास्तविक कार्यस्थल अनुभवों के अभाव से जूझरहे होते हैं। इस अध्ययन का उद्देश्य इन चुनौतियों को दूर करने के लिए सकारात्मक मनोविज्ञान और अनुभवात्मक शिक्षा को जोड़कर एक प्रभावी ढाँचा प्रस्तुत करना है।अध्ययन में द्वितीयक स्रोतों पर आधारित साहित्य समीक्षा की गई, जिसमें शोधपत्र, पुस्तकें और विश्वसनीय डेटाबेससम्मिलित हैं। सकारात्मक मनोविज्ञान, जिसमें आशावाद, आत्म-प्रभावकारिता और समुत्थान शक्ति (Resilience)प्रमुख घटक हैं, जो किशोरों की करियर योजना को मजबूत कर सकता है। वहीं, अनुभवात्मक शिक्षा—जैसे इंटर्नशिप, फील्डविजिट और प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग—किशोरों को व्यावसायिक कौशल और वास्तविक कार्यस्थल अनुभव प्रदान करने में सहायक सिद्ध होती है।निष्कर्ष रूप में जब इन दोनों दृष्टिकोणों को संयुक्त रूप से अपनाया जाता है, तो किशोरों में करियर जागरूकता, आत्मनिर्भरता और पेशेवरअनुकूलनशीलता में उल्लेखनीय सुधार किया जा सकता है। अत शैक्षणिक संस्थानों और नीति निर्माताओं द्वारा पाठ्यक्रम में इन रणनीतियों को एकीकृत करने पर ध्यान देसकतेहैं, जिससे किशोरों को करियर निर्णय लेने में सक्षम बनाया जा सके और वे भविष्य के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें।
आकांक्षा उपाध्याय , डॉ. मनीष मिश्रा और प्रो. रश्मि सोनी
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07.2025-32681448