विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से समृद्ध आज के डिजिटल युग में पारंपरिक शिक्षा पद्धति में क्रांति लाने के साथ साथ शिक्षा में अनेक नवीन आयामों को विकसित किया है । प्रस्तुत शोध पत्र में ‘ डिजिटल युग में गुरुकुल शिक्षा का पुनर्जीवन ’विषय का विश्लेषण किया गया है । जिसमें शिक्षा में आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी के साथ साथ प्राचीन भारतीय गुरुकुल पद्धति को एक साथ समावेशित करके शिक्षा के एक नवीन एवं अनूठे स्वरूप को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है । जिस प्रकार कोई भी व्यक्ति अपने विचारों से चाहे जितना भी आधुनिक हो जाए , किन्तु वह अपने मूल्य ,परंपरा एवं संस्कृतियों के बिना अपनी पहचान खो देता है । उसी प्रकार शिक्षा के समग्र विकास की एक सम्पूर्ण तस्वीर तभी बनाई जा सकती है, जब शिक्षा में डिजिटल प्रौद्योगिकी के साथ साथ प्राचीन भारतीय शिक्षा एवं मूल्य आधारित शिक्षा का समायोजन हो । यह अध्ययन भारतीय शिक्षा के गुरुकुल प्रणाली को ई -लर्निंग प्लेटफार्म ,वर्चुअल कक्षा और कृत्रिम बुद्धि जैसे डिजिटल तकनीकी को एक साथ जोड़कर एक समावेशी ,लचीली और मूल्य आधारित शैक्षिक अनुभव प्रदान करने का लक्ष्य रखता है । राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में भी डिजिटल शिक्षा एवं भारतीय ज्ञान परंपरा दोनों को समान रूप से महत्व दिया गया है । यह नीति शिक्षा में डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके शिक्षा को अधिक सुलभ ,समावेशी और प्रभावी बनाने का प्रयास करती है । इसी के साथ NEP 2020 में भारतीय ज्ञान परंपरा पर विशेष बल देने का उदेश्य आधुनिक भारतीय शिक्षा में भारतीय संस्कृति ,मूल्य एवं परंपराओं को पुनर्जीवित करना है । इस अध्ययन का प्रमुख ध्येय भारतीय संस्कृति ,मूल्य एवं बौद्धिक संपदा को डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से संरक्षित करते हुए छात्रों का समग्र विकास करना है।
अभिलाषा सिंह और प्रो डॉ रश्मि सोनी
346-357
02.2025-46289375