सारांश- भारत देश में प्रथम शिक्षा नीति 1986 में लाई गई थी इसके पश्चात वर्तमान में 29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति 2020 की घोषणा की गई जो अंतरिक्ष वैज्ञानिक के.कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट से प्रभावित थी, 17 अगस्त 2020 में इसका NEP-2020 के अनुमोदन के साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) का नाम शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया। 2020 की शिक्षा नीति सबसे प्रथम नीति है जिसने देश में स्कूली शिक्षा के साथ-साथ उच्च शिक्षा में परिवर्तन की अपेक्षा की है। 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 5+3+3+4 फॉर्मूले पर आधारित है जिसमें प्रथम 5 वर्ष में बालक को खेलना, पेंटिंग, मौज मस्ती के साथ पढ़ना सिखाया जाता है इसमें किसी प्रकार की कोई परीक्षा नहीं ली जाती इसके पश्चात 3 वर्ष का द्वितीय चरण है जिसमें खेलने पढ़ने के साथ-साथ परीक्षाएं प्रारंभ की गई है। 2020 की शिक्षा नीति में बालकों को अपनी स्थानीय भाषा एवं मातृभाषा में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार दिया है। 3 वर्ष के उच्च प्राथमिक चरण में बालकों के लिए कंप्यूटर ज्ञान की अनिवार्यता कर दी गई है। यहीं से सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी का प्रभाव स्पष्ट झलकता है। सूचना एवं संप्रेषण तकनीकी एक आधुनिक प्रणाली है जिसमें सूचना का आदान-प्रदान अति शीघ्रता से किया जाता है।
अनता कांसोटया & डॉ राम गोपाल शर्मा
12-19
11.2024-69653236