मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, परन्तु आज के इस युग में सामाजिक संबंध बहुत कम या न के बराबर देखने को मिलते हैं। बच्चे हो या बड़े सोशल मीडिया में ही सामाजिक संबंधों को निभाते हुए नजर आते हैं। सामाजिक संबंधों से तात्पर्य व्यक्तियों या लोगों की उन पारस्परिक क्रियाओं से होता है जो अर्थपूर्ण रूप से या किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए स्थापित किया जाता है। सामाजिक संबंध का निर्माण सामाजिक अंतर्क्रिया के परिणामस्वरूप होता है। विद्यालय समाज का एक लघु रूप है। विद्यालय एक सामाजिक संस्था है, जहाँ बच्चों में सामाजिक गुणों का विकास किया जाता है ताकि वे समाज में, परिवार में सामंजस्य करने योग्य बन सकें। इस शोध अध्ययन में कक्षा 8 के जनजातीय बच्चों के मध्य में सामाजिक संबंधों के स्तर को ज्ञात करने की कोशिश की गई है। न्यादर्श के रूप में गुमला जिला के बसिया प्रखंड के कक्षा 8 के 200 बच्चों पर शोध किया गया है। निष्कर्ष के रूप में उनमें औसत या मध्यम स्तर के सामाजिक संबंध देखने को मिले। बालक एवं बालिकाओं के सामाजिक संबंध के स्तर में सार्थक अंतर नहीं देखने को मिला। अंग्रेजी तथा हिंदी माध्यम के जनजातीय बच्चों में सामाजिक
प्रियंका तोपनो और डाॅ.दीपशिखा बाखला
207-220
12.2024-23647911