जन सामान्य में एक प्रकार की सोच विकसित हो रही है कि मानसिक रोगी हमेशा खतरनाक होते हैं। मानसिक रोगियों की आक्रमकता और हिंसात्मक प्रवृत्ति के बारे में लोगों का आकलन प्रायः सही नहीं होता। अधिकतर लोगों का विचार है कि मानसिक रोग एक असाध्य बीमारी है, जिसका ठीक होना संभव नहीं। वास्तविकता तो यह है कि आज अधिकांश मानसिक रोगियों का इलाज एवं उपचार संभव हो गया है और ऐसे लोग बिल्कुल ठीक होकर समाज के अन्य आम व्यक्तियों जैसा जीवन व्यतीत कर रहें हैं। परिवार एवं समाज के लोगों को अपने नकारात्मक एवं पूर्वाग्रहपूर्ण रवैये में परिवर्तन लाकर रोगियों प्रति सहानुभूति पूर्ण मनोवृत्ति बनाकर समुचित उपचार कराने की आवश्यकता है। सामाजिक उदासिनता एवं पुरातन मान्यताओं से आज भी हमारा समाज जकड़ा हुआ है जिसके कारण मानसिक रोगियों के साथ उपयुक्त मानवोचित व्यवहार नहीं किए जाते हैं परिणामस्वरूप ऐसी रोगी त्रासदपूर्ण जीवन जीने के अभिशप्त है।
नमिता कुमारी
85-93
12.2024-71655663