Abstract
भारत मैैें नारी जाति का संघर्ष प्राचीन काल से लेकर वर्तमान समय तक निरंतर जारी रहा है। प्राचीन काल में नारी की स्थिति पुरुष के समान थी । मध्यकाल में नारी की जीवन निम्नस्तरीय हो गया और उसकी समानता और स्वतन्त्रता पर अंकुश लगने प्रारम्भ हो गयें ब्रिटिश काल में समाज सुधारको द्वारा उनकी स्थिती को सुधारने के प्रयास किये गयें जिससे नारी जाती की दशा में सुधार हुए आधुनिक समय में नारी सशक्त होकर पुरुषों के समान प्राय प्रत्यके क्षेत्र में अपना योगदान दे रही है। बडे बडे पदो पर व विभिन्न क्षेत्रो मे कार्य करके समाज को प्रगती की तरफ ले जारही है।